हिमाचल प्रदेश इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना 2025 (Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana in Hindi)

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Table of Contents

परिचय (Introduction)

हिमाचल प्रदेश सरकार ने Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana ( इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना ) को 2007 में शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, लिंगानुपात में सुधार करना और छोटे परिवार के मानदंड को प्रोत्साहित करना है। यह योजना उन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो एक या दो कन्याओं के जन्म के बाद परिवार नियोजन की स्थायी विधि अपनाते हैं।

संदर्भ (Context):

हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सूबे की बेटियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली राशि बढ़ा दी है। सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत एक बेटी के बाद परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवार को मिलने वाले 35 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपए और दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन पर मिलने वाले 25 हजार रुपए की राशि को एक लाख रुपए कर दिया है।


इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना का अवलोकन (Overview of Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana)

योजना का नामइंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना – हिमाचल प्रदेश
शुरुआत का वर्ष2007
अद्यतन तिथि (Updated On)2nd May, 2024
संबंधित विभागस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, हिमाचल प्रदेश
लाभार्थीपरिवार नियोजन अपनाने वाले दंपत्ति (जिनके केवल एक या दो कन्या संतान हैं)
उद्देश्यलैंगिक समानता को बढ़ावा देना और लिंगानुपात सुधारना
वित्तीय सहायताएक बालिका के लिए ₹2,00,000, दो बालिकाओं के लिए ₹1,00,000
आवेदन प्रक्रियाऑफलाइन (स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पंचायत सचिव के माध्यम से) (यह फॉर्म चिकित्सा अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा और भरा जाएगा)
आधिकारिक वेबसाइटस्वास्थ्य और परिवार कल्याण (Health and Family Welfare)
आधिकारिक अधिसूचना (Official Notification)सूचना विवरण

इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के उद्देश्य (Objectives of Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana)

योजना के प्रमुख उद्देश्य:
🔹 लिंगानुपात में सुधार – कन्या भ्रूण हत्या और असमान लिंगानुपात जैसी कुरीतियों को रोकने के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य परिवारों को परिवार नियोजन अपनाने और बेटियों को समान अधिकार देने के लिए प्रेरित करना है।

🔹 छोटे परिवार को बढ़ावा देना – सीमित संसाधनों के साथ बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए छोटे परिवार के सिद्धांत को अपनाने की आवश्यकता है। यह योजना माता-पिता को कम संतान रखने और उनके भविष्य को संवारने के लिए प्रोत्साहित करती है।

🔹 लैंगिक समानता को बढ़ावा देना – बेटियों को बोझ नहीं, बल्कि समान अवसर देने की सोच को विकसित करना इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। समाज में बेटियों को उनके अधिकार और सम्मान दिलाना सरकार की प्राथमिकता है।

🔹 परिवार नियोजन को प्रोत्साहन – उन परिवारों को विशेष आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो केवल एक या दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन अपनाते हैं। इससे संसाधनों का उचित वितरण होगा और समाज में संतुलित जनसंख्या वृद्धि सुनिश्चित की जा सकेगी।

🔹 महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा – बेटियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। यह सहायता न केवल उनके शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य को भी सुनिश्चित करेगी।

🔹 संतुलित जनसंख्या वृद्धि – अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण रखना और संसाधनों का संतुलित वितरण सुनिश्चित करना इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इससे प्रत्येक नागरिक को समान अवसर मिल सकेंगे।

🔹 शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार – बेटियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास को सुनिश्चित किया जाएगा। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज में एक सशक्त भूमिका निभा सकेंगी।

🔹 सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन – इस योजना के माध्यम से समाज में बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता को बदला जाएगा और उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित किया जाएगा। यह पहल समाज में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने में सहायक होगी।

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इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के लाभार्थी (Beneficiaries of the Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana)

यह विशेष योजना उन दंपत्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है जो परिवार नियोजन को अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं। यह योजना न केवल लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू की गई है, बल्कि बेटियों को समान अवसर और सशक्त भविष्य प्रदान करने का एक सशक्त प्रयास भी है।

यह योजना उन दंपत्तियों के लिए लागू होती है जो:

  • केवल एक लड़की होने के बाद परिवार नियोजन की स्थायी विधि अपनाते हैं।
  • केवल दो लड़कियाँ (बिना किसी लड़के के) होने के बाद परिवार नियोजन की स्थायी विधि अपनाते हैं।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों की स्थिति को मजबूत करना और उनके उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित बनाना है।आप भी इस योजना का लाभ उठाएँ और बेटियों के सशक्तिकरण में योगदान दें!


इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria of the Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana)

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित पात्रता शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है। इन शर्तों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं दंपत्तियों को मिले, जो वास्तव में इसके हकदार हैं और जिन्होंने परिवार नियोजन को अपनाया है। यहां विस्तृत जानकारी दी गई है:

  1. परिवार नियोजन अपनाना
    • दंपत्ति को नसबंदी (टर्मिनल नसबंदी) करवानी होगी। यह प्रक्रिया परिवार नियोजन का एक स्थायी तरीका है और यह सुनिश्चित करती है कि दंपत्ति के परिवार में केवल एक या दो बच्चे होंगे।
    • नसबंदी प्रक्रिया पुरुष (वैसेक्टॉमी) या महिला (ट्यूबेक्टॉमी) में से किसी एक के द्वारा करवाई जा सकती है।
  2. चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र
    • दंपत्ति को नसबंदी प्रक्रिया को प्रमाणित करने के लिए एक चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
    • यह प्रमाण पत्र यह सुनिश्चित करता है कि नसबंदी प्रक्रिया वास्तव में हुई है और यह किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थान में की गई है। प्रमाण पत्र में चिकित्सा अधिकारी का हस्ताक्षर, मुहर और प्रक्रिया की तारीख शामिल होनी चाहिए।
  3. मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित हलफनामा (Affidavit)
    • दंपत्ति को एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह पुष्टि की जाएगी कि उनके केवल एक या दो लड़कियाँ हैं और कोई लड़का नहीं है। यह हलफनामा मजिस्ट्रेट या अन्य अधिकृत अधिकारी द्वारा सत्यापित होना चाहिए।
    • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल उन दंपत्तियों को मिले, जिनके परिवार में लड़कियाँ हैं और जो लिंग आधारित भेदभाव को कम करने में योगदान दे रहे हैं।
  4. स्वास्थ्य रजिस्टर में पंजीकरण
    • दंपत्ति का नाम स्वास्थ्य कार्यकर्ता या स्वास्थ्य पर्यवेक्षक द्वारा बनाए गए पात्र दंपत्ति रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए।
    • यह रजिस्टर योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान करने और उनकी जानकारी को व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड करने के लिए बनाया गया है। पंजीकरण के बाद ही दंपत्ति योजना के लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं।

इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के वित्तीय लाभ (Financial Benefits of Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana)

हिमाचल प्रदेश सरकार ने बेटियों के उज्जवल भविष्य और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की गई है, जिससे अधिक से अधिक परिवार लाभान्वित हो सकें।

🔹 पहले, एक बालिका के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता ₹35,000 थी। अब इसे 2024 से बढ़ाकर ₹2,00,000 कर दिया गया है, जिससे बेटियों की शिक्षा और भविष्य को और भी मजबूती मिलेगी।

🔹 पहले, यदि किसी परिवार में दो बालिकाएं थीं, तो उन्हें ₹25,000 की सहायता दी जाती थी। अब इसे 2024 से चार गुना बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया गया है, ताकि परिवारों को बेटियों की परवरिश और शिक्षा में आर्थिक संबल मिले।

यह पहल न केवल बेटियों के उज्जवल भविष्य को संवारने में सहायक होगी, बल्कि समाज में लैंगिक समानता को भी प्रोत्साहित करेगी। हिमाचल प्रदेश सरकार का यह कदम महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (How to Apply for Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana)

योजना के तहत प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाएगा:

  1. प्रपत्र (Form) भरना और सत्यापन (Attestation)
    प्रपत्र भरना: पात्र दंपत्ति को निर्धारित प्रपत्र दो प्रतियों में भरना होगा। (यह फॉर्म चिकित्सा अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा और भरा जाएगा)
    चिकित्सा अधिकारी द्वारा सत्यापन: प्रपत्र को उस चिकित्सा अधिकारी (Medical Officer) द्वारा सत्यापित किया जाएगा, जिसने दंपत्ति पर अंतिम परिवार नियोजन प्रक्रिया (नसबंदी) की थी।
    प्रपत्र की प्रतियाँ: सत्यापित प्रपत्र की एक प्रति पात्र दंपत्ति को सौंपी जाएगी, जबकि दूसरी प्रति जिला परिवार नियोजन अधिकारी (District Family Planning Officer) के कार्यालय में रिकॉर्ड के लिए रखी जाएगी।
  1. शपथ-पत्र (हलफ़नामा,Affidavit) प्रस्तुत करना
    शपथ-पत्र की आवश्यकता: पात्र दंपत्ति को क्षेत्र के कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा विधिवत् सत्यापित एक शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
    शपथ-पत्र की सामग्री: शपथ-पत्र में यह उल्लेख होना चाहिए कि नसबंदी प्रक्रिया कराने के समय दंपत्ति के पास केवल एक बालिका या दो बालिकाएँ हैं और उनके कोई पुरुष संतान नहीं है।
  1. पात्र दंपत्ति रजिस्टर में पंजीकरण
    रजिस्टर में नाम दर्ज होना: केवल वे दंपत्ति ही प्रोत्साहन राशि का दावा करने के हकदार होंगे, जिनका नाम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं/स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों द्वारा बनाए गए पात्र दंपत्ति रजिस्टर में दर्ज है।
  1. मामले की शुरुआत और सत्यापन
    उपकेंद्र स्तर पर शुरुआत: मामले की शुरुआत उपकेंद्र स्तर(Sub-Centre Level) पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता(Health Worker) द्वारा की जाएगी।
    पंचायत द्वारा सत्यापन: स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा शुरू किए गए मामले को पंचायत द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
  1. मामले की समीक्षा (Review) और सिफारिश (Recommend)
    बीएमओ को प्रस्तुत करना: स्वास्थ्य कार्यकर्ता मामले को संबंधित ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) को प्रस्तुत करेगा।
    बीएमओ की समीक्षा: बीएमओ यह सुनिश्चित करेगा कि मामला सही है और उसकी सिफारिश करेगा।
    जिला परिवार कल्याण विभाग को भेजना: बीएमओ मामले को जिला परिवार कल्याण विभाग को भेजेगा।
  1. जिला स्तर पर अनुमोदन (Approval)
    जिला परिवार नियोजन अधिकारी की भूमिका: जिला परिवार नियोजन अधिकारी मामले को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के पास अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगा।
    CMO की मंजूरी: CMO द्वारा मामले की मंजूरी मिलने के बाद, प्रोत्साहन राशि तैयार की जाएगी।
  1. प्रोत्साहन राशि का वितरण (Distribution)
    ब्याज वाली जमा राशि: प्रोत्साहन राशि को ब्याज वाली जमा राशि के रूप में तैयार किया जाएगा।
    बालिका के नाम पर जमा: यह राशि संबंधित बालिका के नाम पर जमा की जाएगी और उसके माता-पिता को सौंपी जाएगी।
    जमा राशि का उपयोग: यह जमा राशि बालिका के विवाह योग्य आयु प्राप्त करने या विवाह के समय भुनाई जा सकती है।
  1. अंतिम चरण
    विवाह के समय उपयोग: जमा राशि का उपयोग बालिका के विवाह के समय किया जा सकता है, जिससे उसके भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद मिलती है।

नोट:
• यह प्रक्रिया योजना के तहत पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
• सभी दस्तावेज़ों और प्रक्रियाओं का सही ढंग से पालन करना आवश्यक है ताकि पात्र दंपत्ति को योजना का लाभ मिल सके।
• किसी भी चरण में गलती या धोखाधड़ी पाए जाने पर मामला अस्वीकार किया जा सकता है।
इस प्रकार, यह योजना न केवल परिवार नियोजन को बढ़ावा देती है, बल्कि बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने में भी मदद करती है।

संपर्क जानकारी (Helpline & Contact Information)

विवरणजानकारी
संबंधित विभागस्वास्थ्य और परिवार कल्याण(Health and Family Welfare), हिमाचल प्रदेश
हेल्पलाइन नंबर0177-2621424 (अद्यतन जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें)
ईमेल आईडीdirhealthdhs@gmail.com
आधिकारिक वेबसाइटOfficial Website
सम्पर्क विवरणजानकारी प्राप्त करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना क्या है?

यह एक सरकारी योजना है, जो उन परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिन्होंने परिवार नियोजन अपनाने के बाद केवल एक या दो लड़कियाँ होने पर नसबंदी करवाई है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार, छोटे परिवार के सिद्धांत को प्रोत्साहित करना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।

इस योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है?

लाभार्थी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से आवेदन करना होगा, जिसे पंचायत सचिव और जिला चिकित्सा अधिकारी से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।

इस योजना के तहत कितना वित्तीय लाभ मिलता है?

एक बालिका के लिए ₹1,00,000 और दो बालिकाओं के लिए ₹2,00,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है।

योजना के लिए आवेदन कहां किया जा सकता है?

आवेदन स्वास्थ्य कार्यकर्ता/उप-केंद्र स्तर पर किया जा सकता है और अधिक जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, हिमाचल प्रदेश की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

यह योजना हिमाचल प्रदेश में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सरकार इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

नोटः- इस लेख को अलग अलग माध्यम से लिया गया है तथा पाठकों को सही सूचना प्रदान करने की हर सम्भव प्रयास किया गया है लेकिन फिऱ भी अधिक जानकारी के लिए आप अधिकारिक वेबसाईट पर जा कर इसके संबध में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा हमारे कमेन्ट सैक्शन में कमैन्ट कर के हम से पूछ सकते हैं हम आपको पूरी जानकारी उपलब्ध करवाएगें।


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